अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी रहने से लगातार तीसरे दिन बुधवार को सोने ने कीमत का नया रिकॉर्ड बना दिया। इसके साथ जयपुर सर्राफा बाजार में सोना स्टैंडर्ड 1,300 व 22 कैरेट जेवराती सोना 1,200 रुपए प्रति दस ग्राम महंगा होकर नए शिखर पर पहुंच गया। वहीं, सोने के समर्थन में चांदी भी 2,000 रुपए चढ़कर 98,200 प्रति किलोग्राम हो गई। हालांकि, यह अभी रिकॉर्ड स्तर से नीचे बिक रही है। अमेरिकी वायदा एक्सचेंज कॉमेक्स में अप्रेल डिलीवरी सोना 20.70 डॉलर बढ़कर 2,896.50 डॉलर तथा मार्च डिलीवरी चांदी 0.072 डॉलर की गिरावट से 32.950 डॉलर प्रति आउंस पर ट्रेड कर रही थी।

सोना पहली बार 84 हजार के पार
चीन-अमेरिकी के बीच टैरिफ वॉर के चलते सोने की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। घरेलू सराफा बाजार में बुधवार को 24 कैरेट सोना पहली बार 84 हजार के पार निकल गया। सोने के दाम 1,647 रुपए बढ़कर 84,657 रुपए 10 ग्राम पहुंच गए। 22 कैरेट सोने के दाम 1,509 रुपए बढ़कर 77,546 रुपए पहुंच गई। यह 24 फरवरी 2022 के बाद सोने में एक दिन की सबसे बड़ी उछाल है। तब सोना एक दिन में 2,491 रुपए महंगा हुआ था।
बीते साल 2024 में 10 मई को सोना एक दिन में सर्वाधिक 1,506 रुपए बढ़ा था। 31 दिसंबर 2024 से 5 फरवरी तक सोना 11.15% महंगा हो चुका है। 24 कैरेट सोना 8,945 रुपए और 22 कैरेट सोना 7,782 रुपए महंगा हुआ है। बीते साल 2024 में सोना 21% महंगा हुआ था। विशेषज्ञों के मुताबिक ट्रम्प के टैरिफ वार के चलते पैदा हुई अनिश्चितता से सोने की मांग बढ़ी है। साथ ही, अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट ने भी सोने में निवेश को आकर्षिक किया है।
90 हजार पहुंच सकता है सोना
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक इस साल सोना 6.3% बढ़कर 90 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच सकता है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अन्य प्रमुख मुद्राएं कमजोर हो रही हैं। दुनिया के सेंट्रल बैंक गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे हैं। इसके चलते सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी का रुझान बना रह सकता है। कामा ज्वेलरी के एमडी कॉलिन शाह के मुताबिक पीली धातु की कीमतों में उछाल डॉलर इंडेक्स में नरमी के कारण है जो 109 से गिरकर 107 पर आ गया है। निकट भविष्य में सोना 88 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच सकता है।
भारत में घट सकती है सोने की खपत
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के भारतीय ऑपरेशंस के सीईओ सचिन जैन कहते हैं कि देश में कुल सोने की मांग में ज्वेलरी का हिस्सा 70% है। ऊंचे दामों के चलते भारत में सोने की खपत घट सकती है। भारत में ज्वेलरी खरीदने वाले परिवारों का एक तय बजट होता है। वे जब ज्वेलरी खरीदते हैं, तो उनका बजट सोने की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की समान दर से नहीं बढ़ता है। इस साल देश में सोने की खपत 700 से 800 टन के बीच रह सकती है। बीते साल 2024 में खपत 5% बढ़कर 802.8 टन रही। यह 2015 के बाद सबसे अधिक थी।
तनाव ने बढ़ाई सोने की माँग
कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स डॉलर की कमजोरी और सुरक्षित ठिकाना की मांग से प्रेरित होकर 2,877 डॉलर प्रति औंस की नई ऊंचाई पर है। चीन की अमेरिका पर जवाबी टैरिफ कार्रवाई के बाद डॉलर इंडेक्स 108 के स्तर से नीचे गिर गया। ट्रम्प ने मेक्सिको, कनाडा पर टैरिफ की बढ़ी दरें एक महीने के लिए रोक दी है, लेकिन चीनी वस्तुओं पर 10% बढ़ा टैरिफ लागू हो चुका है। इससे चीन को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।
दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ते व्यापार तनाव के साथ-साथ गाजा में भू-राजनीतिक चिंताओं ने बाजार की भावनाओं पर असर डाला और पीली धातु को और बढ़ावा दिया। इस बीच, इंटरेस्ट रेट फ्यूचर इस साल फेड द्वारा दो बार ब्याज दर में कटौती की उम्मीद का संकेत देता है, जो कमजोर नौकरी के अवसरों और घटते फैक्ट्री ऑर्डर से समर्थित है। निवेशक अब अगले सुराग के लिए अमेरिकी निजी पेरोल, सर्विसेज पीएमआई का सावधानीपूर्वक इंतजार कर रहे हैं।
गोल्ड प्राइस हिस्ट्री
| वर्ष | औसत मूल्य (₹/10 ग्राम) | अधिकतम मूल्य (₹/10 ग्राम) | न्यूनतम मूल्य (₹/10 ग्राम) | वार्षिक परिवर्तन (%) |
|---|---|---|---|---|
| 2014 | 28,000 | 29,600 | 26,300 | -5.5 |
| 2015 | 26,300 | 28,600 | 24,900 | -5.9 |
| 2016 | 28,600 | 29,600 | 27,400 | 8.7 |
| 2017 | 29,600 | 31,400 | 29,100 | 3.6 |
| 2018 | 31,400 | 35,200 | 29,600 | 6.0 |
| 2019 | 35,200 | 48,600 | 31,400 | 12.0 |
| 2020 | 48,600 | 48,600 | 35,200 | 38.1 |
| 2021 | 48,700 | 52,600 | 48,600 | 0.1 |
| 2022 | 52,600 | 58,300 | 48,700 | 8.1 |
| 2023 | 58,300 | 63,200 | 52,600 | 10.9 |
| 2024 | 78,200 | 78,200 | 63,200 | 34.0 |
डीस्कलमेर : इस लेख में सोने और चाँदी की कीमतों से जुडी ताज़ा जानकारी दी गई है. जिसका स्त्रोत इंटरनेट है. लेख का उद्देश्य केवल देश दुनिया तक ताज़ा न्यूज़ प्रसारित करना है. न की किसी तरह की निवेश की सलाह दी जा रही है. निवेश करना जोखिमों के अधीन है. और वित्तय नुकसान हो सकता हैं. कृपया अपनी जिम्मेदारी और वित्तय सलाहकार से विचार विमर्श करके ही निवेश करें।
